1 शैंपू में सफाई एजेंट्स होते हैं जो आपके स्कैल्प से धूल, मिट्टी, गंदगी और सीबन को दूर करते हैं। वही कंडीशनर में मॉइस्चराइजिंग एजेंट्स होते हैं जो आपके बालों को नरम, मुलायम और चमकदार बनाते हैं।
2 शैंपू सिंथेटिक सर्फेक्टेंट का इस्तेमाल 1930 में ‘ड्रेन’ द्वारा किया गया था।
3 साल 1900 में पेरिस के इत्र निर्माता ‘एडोर्ड पिनाउड’ ने कंडीशनर का आविष्कार किया था।
4 कंडीशनर के कई फायदे होते हैं जिनमें बालों को सुलझाना, नरम बनाना तथा डैमेज होने से बचाना आदि शामिल है।
5 कंडीशनर का इस्तेमाल कभी भी स्कैल्प में नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि स्कैल्प में इसके इस्तेमाल से बाल झड़ने लगते हैं।
6 शैंपू और कंडीशनर के बीच पीएच संतुलन अलग-अलग होता है। कंडीशनर में कम पीएच संतुलन पाया जाता है जबकि यह शैंपू में अधिक होता है।
7 शैम्पू इस्तेमाल के दौरान झाग उत्पन्न करता है जबकि कंडीशनर ऐसा नहीं करता।
8 शैंपू में क्लीनिंग एजेंट्स (सर्फेक्टेंट) पाए जाते हैं जबकि कंडीशनर में हाइड्रेटिंग और मॉइस्चराइजिंग एजेंट्स पाए जाते हैं।
9 शैंपू बालों को साफ करता है तो कंडीशनर बालों को सुलझाने का काम करता है।
10 आजकल बाजार में दो तरह के कंडीशनर पाए जाते हैं। एक कंडीशनर के इस्तेमाल के बाद उसे धोना आवश्यक होता है जबकि दूसरे तरह के कंडीशनर का इस्तेमाल करने के बाद धोना जरूरी नहीं होता।
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